UP: गंगा पर 83 करोड़ का पुल टूटा, घटिया सामग्री प्रयोग की मिली थीं शिकायतें; अखिलेश ने पूछा कितना चंदा दिया

बुलंदशहर और अमरोहा को जोड़ने के लिए क्षेत्र के माजरा माली की मडैया में गंगा नदी पर 83 करोड़ से निर्माणाधीन पुल के बीम अचानक नीचे गिर गए और एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया।
यूपी के बुलंदशहर क्षेत्र के गांव माजरा माली की मडैया में 83 करोड़ की लागत से गंगा नदी पर बनाए जा रहे पुल के तीन बीम बीच से टूटकर गिर गए। बताया जा रहा है कि दो बीम टूटकर नीचे गिर गए, जबकि एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। पुल के बीम टूटने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि ठेकेदार ने भाजपा को कितना चंदा दिया है। हालांकि हादसे में किसी को चोट नहीं आई है। पुल के बीम टूटने की घटना पर डीएम सीपी सिंह ने सीडीओ कुलदीप मीना की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं।
बुलंदशहर और अमरोहा को जोड़ने के लिए क्षेत्र के माजरा माली की मडैया में गंगा नदी पर 83 करोड़ से निर्माणाधीन पुल के बीम अचानक नीचे गिर गए और एक बीम पिलर पर रखा हुआ ही टूट गया। बीम गिरने की आवाज पर मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने गिरे बीम को जेसीबी की मदद से रेती में दबाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर पहुंचे लोगों ने कर्मचारियों को कार्य करने से रोक दिया और अधिकारियों को सूचना दी।
बीम टूटने के बाद अधिकारियों ने इसे दैवीय आपदा साबित करते हुए शुक्रवार को ही बीम डालने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि बीम को जमीन पर कास्ट करने के बाद करीब एक सप्ताह पहले ही पिलर पर सेट किया गया था। इसके बाद भी न तो बीम में लगी सामग्री की गुणवत्ता और न ही बीम की मजबूती की जांच की गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आए दिन कार्यदायी संस्था एडिकोन के अधिकारी और कर्मचारी लगातार दोयम दर्जे की सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं। बार-बार शिकायत के बाद भी न तो सामग्री की गुणवत्ता में सुधार हुआ और न ही किसी अधिकारी पर कार्रवाई की गई। सेतु निगम के अधिकारियों की लापरवाही की स्थिति यह है कि पुल के लिए बीम कास्ट कर दिए गए, लेकिन इसकी मजबूती और सामग्री की गुणवत्ता की जांच भी नहीं कराई गई। बीम में लगाई गई सामग्री की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी बीम पर न तो स्लैब कास्ट की गई थी और न ही अन्य कोई लोड था, इसके बाद भी बीम बीच में से ही टूट गया।
सामग्री गुणवत्ता सुधार की नहीं हुई सुनवाई
निर्माणाधीन पुल के बीम गिरने की सूचना पर विधायक देवेंद्र लोधी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का तो दावा करने लगे, लेकिन लोगों ने आरोप लगाया कि पूर्व में शिकायत के बाद भी सामग्री की गुणवत्ता में सुधार के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया। करीब एक साल पहले भी पुल के पिलर में दरार आ गई थी, इस पर कई बार लोगों ने हंगामा करते हुए उच्च गुणवत्ता से कार्य कराने के मांग की थी। इसके बाद अधिकारियों ने जांच कराने के लिए आईआईटी के विशेषज्ञ प्रोफेसर को भी बुलाया, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया।
…तो दैवीय आपदा के सहारे बचने की तैयारी
गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के बीम टूटने के मामले में अब अधिकारी दैवीय आपदा के सहारे खुद को बचाने में लगे हैं। शुक्रवार देर शाम बिजली कड़कने और मौसम खराब होने का हवाला दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब न तो आंधी-तूफान और न ही तेज बारिश हुई तो दैवीय आपदा कैसे आई। इसके अलावा पहले ही जमीन पर कास्ट किए गए बीम को ऊपर सेट करने के बाद यदि बारिश और आंधी भी आई तो कैसे बीम इसे सहन नहीं कर सका। -सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन
निर्माण के दौरान ही पुल के तीन बीम टूटने के मामले में डीएम सीपी सिंह ने सीडीओ कुलदीप मीना, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन और आरईएस के एक्सईएन की एक टीम जांच के लिए गठित की। जांच टीम गठन के बाद शनिवार दोपहर करीब तीन बजे टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया और बीम के टूटने के मामले में अधिकारी-कर्मचारियों से आवश्यक निर्देश दिए।
अखिलेश ने पूछा कार्यदायी संस्था ने कितना दिया था चंदा
गंगा में निर्माणाधीन पुल के बीम टूटकर गिरने के मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट की है। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि जनता पूछ रही है कि पुल का निर्माण करने वाली कंपनी की ओर से भाजपा को चुनाव में कितना चंदा दिया गया था। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव की पोस्ट के बाद शासन ने भी इसका संज्ञान लिया और उच्चाधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी है।
घटनास्थल तक न पहुंचे लोग, हटाए प्लेट
निर्माणाधीन पुल के बीम टूटने के स्थान पर लोग न पहुंच सकें, इसके लिए कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने अस्थाई पुल पर बिछाई गई प्लेट को हटा दिया। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो कर्मचारियों ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद जब-जब कोई प्रशासनिक अधिकारी या कार्यदायी संस्था का अधिकारी मौके पर पहुंचता तो कर्मचारी पहले अस्थाई पुल पर प्लेट डालते और फिर अधिकारी को घटनास्थल तक ले जाया जाता।
पुल के तीन बीम टूटे हैं। रात में मौसम भी खराब था। शुक्रवार रात में ही बीम डालने की जानकारी मिली है। बीम को जमीन पर कास्ट किया गया या कहीं और इसकी जानकारी नहीं है। प्रथम दृष्ट्या कार्यदायी संस्था की लापरवाही सामने आई है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के बाद की जाएगी।