Gorakhpur News: अब ट्रक फाइनेंस कराकर जालसाजी सामने आई..रुद्रांश गया जेल

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि एक फाइनेंस कंपनी की ओर से ट्रक फाइनेंस कराकर जालसाजी का मामला सामने आया है। एएसपी को जांच सौंपी गई है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बैंक की ओर से भी जानकारियां आई हैं
गोरखपुर में फर्जी दस्तावेज पर आईसीआईसीआई बैंक से 4.45 करोड़ रुपये के ऋण की जालसाजी के आरोपी रुद्रांश पांडेय की एक और जालसाजी का मामला सामने आया गया। टाटा फाइनेंस की ओर से एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर ट्रक फाइनेंस कराकर जालसाजी की जानकारी दी गई। बताया गया कि रियाज नाम से एक ट्रक का 39 लाख रुपये में फाइनेंस कराया गया और फिर रकम जमा नहीं की गई। एसएसपी ने इसकी भी जांच एएसपी को सौंपी है। उधर, 36 घंटे का रिमांड पूरा होने पर आरोपी रुद्रांश पांडेय को फिर से सोमवार की शाम जेल में दाखिल कर दिया गया।
आरोपी रुद्रांश से पूछताछ में सामने आए बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी पुलिस जाकर जांच की और अब एक-एक कर सभी को पूछताछ के लिए बुलाना भी शुरू कर दिया। बैंक की ओर से पुलिस को पूरी जानकारी दे दी गई है। बैंक ने यह भी बताया है जिन तीन कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है, उन्हें बैंक ने निलंबित करते हुए नोटिस भी जारी कर दिया है। अब इसी के साथ पुलिस ने जांच और तेज कर दी है।
ताजा मामला में टाटा फाइनेंस की ओर से वैभव श्रीवास्तव ने मंगलवार को एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया है। उनका कहना है कि करीब दो साल पहले रियाज नाम से एक ट्रक का फाइनेंस कराया गया। कुछ रुपये तो जमा किए गए, लेकिन उसके बाद मौके पर जाने पर पता ही गलत पाया गया। इसके बाद कई नोटिस देने पर भी कोई जवाब नहीं आया है। वैभव ने एसएसपी को यह भी बताया कि वह रियाज के मामले की जानकारी होने के बाद आए हैं, नहीं तो कंपनी का रुपये को डूबा समझ रहे थे।
अब एसएसपी ने इस प्रकरण की भी जांच रुद्रांश पांडेय की जांच कर रहे एएसपी को सौंप दी है। पता चला है कि ये जालसाजी बैंक रोड की शाखा से की गई है। कुछ और ट्रकों के फाइनेंस कराकर जालसाजी की बात भी सामने आई है, जिसकी गहनता से जांच अब पुलिस ने शुरू कर दी है।
बैंक ने डिटेल दिया, अब पूछताछ कर जुटा रहे तथ्य
आईसीआईसीआई बैंक से पुलिस ने जिन भी कर्मचारियों के बारे में और दस्तावेज को मांगा था, वह सब पुलिस को मंगलवार को उपलब्ध करा दिए गए हैं। अब पुलिस एक-एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए बुलाकर तथ्य जुटा रही है। रुद्रांश से पूछताछ और बैंक से आई जानकारियों का मिलान करके ही कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है, जिससे जांच को आगे बढ़ाया जा सके। पुलिस अफसरों को उम्मीद है कि रुद्रांश ने कई बैंकों से जालसाजी की है और अब एक-एक कर लोग सामने आ रहे हैं। रुद्रांश के जालसाजी की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है।