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किराएदार को मकान मालिक से हुआ प्यार, भागकर मंदिर में रचाई शादी, धमकी के बाद पति ने CM से सुरक्षा की लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के लाइन बाजार थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की एक महिला अपने पति को धोखा देकर अपने किराएदार प्रेमी के साथ फरार हो गई और उससे मंदिर में शादी कर ली। महिला अपने साथ तीन साल के बेटे को भी ले गई है। इस घटना से आहत पति ने अपनी सुरक्षा के साथ अपने बच्चे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है।

राजा राम सिंह कॉलोनी निवासी अभिषेक प्रजापति ने अप्रैल 2024 में अनुराग सिंह नाम के एक युवक को अपने घर में किराए पर कमरा दिया था। अनुराग अपनी पत्नी के साथ यहां रहने आया था। इसी दौरान अनुराग और मकान मालिक अभिषेक की पत्नी रूपल के बीच नजदीकियां बढ़ीं और दोनों में प्रेम संबंध बन गया।

शादी का वीडियो व्हाट्सएप पर भेजा

अभिषेक प्रजापति की शादी 23 अप्रैल 2021 को उर्दू बाजार निवासी रूपल जायसवाल से हुई थी। उनका एक तीन साल का बेटा भी है। अभिषेक का आरोप है कि 25 सितंबर 2024 को उनकी पत्नी रूपल अपने बेटे को लेकर अनुराग सिंह के साथ फरार हो गई। इसके बाद दोनों ने एक मंदिर में शादी कर ली और अपनी शादी का वीडियो अभिषेक को व्हाट्सएप पर भेज दिया।

पति ने पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई

पत्नी और बच्चे के अचानक लापता होने पर अभिषेक ने स्थानीय थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। यह मामला बाद में न्यायालय पहुंचा, जिसके बाद इसकी जांच का जिम्मा टीडी कॉलेज चौकी प्रभारी को सौंपा गया।

सुलह करने से इंकार, बेटे की वापसी की मांग

इस बीच, अनुराग और रूपल ने अभिषेक से सुलह करने की कोशिश की, लेकिन अभिषेक ने सुलह से इंकार करते हुए अपने बेटे की वापसी की मांग की। अभिषेक का आरोप है कि कोर्ट से लौटने के बाद अनुराग सिंह और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।

7 साल से कम उम्र का बेटा, 9 महीने से नहीं मिला

इन घटनाओं से परेशान होकर अभिषेक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से IGRS पोर्टल के माध्यम से अपनी सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है। अभिषेक का कहना है कि इस घटना को 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक अपने बेटे से मिलने का मौका नहीं मिला है। उनका कहना है कि उनका बेटा सात साल से कम उम्र का है और वह न्याय पाने के लिए लगातार प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

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