लाखों खर्च के बावजूद अमृत सरोवर तालाब, अपनी बदहाली पर बहा रहे आँसूं
आधे अधूरे अमृत सरोवर बनाकर लूट ली वाह वाही

देखरेख के अभाव में बदहाल हुए अमृत सरोवर, कई आज भी निर्माणाधीन
अंबेडकरनगर : करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी देखरेख के अभाव में अमृत सरोवर बदहाल होने लगे हैं। शुरुआत में तेजी पकड़ने वाली मुहिम ठप पड़ गई है। इसलिए प्रशासन ने आनन-फानन में कई तालाबों को कब्जा मुक्त कराया। इस दौरान प्रशासन ने तेजी दिखाई लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के बाद तालाबों को अमृत सरोवर बनाने के काम पर विराम लग गया। कई गांवों में अमृत सरोवर के पक्का कराने का कार्य अधर में लटका है।वही सुंदरीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद अमृत सरोवर का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है। जबकि यहां पर झंडारोहण चबूतरा बनाकर अमृत सरोवर पूर्ण होना भी दिखा दिया गया है। जनपद में दर्जनों अमृत सरोवर केवल झंडारोहण तक सिमट कर रह गया है। अमृत सरोवर के नाम पर लाखों रुपए भले ही खर्च कर दिए गए हो, लेकिन उसकी सुंदरता दिखाई नही पड़ रही है। तालाब किनारे बनाए गए सीमेंट सीट भी कहीं ढूंढे नहीं मिल रहे।अमृत सरोवर के तहत सौंदर्यीकरण कराए जाने वाले तालाब के चारों तरफ झाड़ झँखाड़ लगा हुआ है।ग्रामीणों ने दबी जुबान से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि साफ सफाई व मरम्मत के नाम पर शासन से मिले पैसे का बंदरबांट कर लिया जाता है।ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि तालाबों की ओर कोई देखना भी मुनासिब नहीं समझ रहा है। तालाबों की दुर्दशा सुधारने और ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के लिए मनरेगा के तहत लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन तालाबों की सूरत नहीं बदल सकी। स्थिति जस की तस बनी हुई है।
भीटी तहसील अंतर्गत ग्राम सभा डारी डीहा में बने अमृत सरोवर तालाब की दशा तो और भी सोचनीय है वहां पर ना तो तालाब की कोई दशा दिखाई देती है ना ही दिशा खुदाई के नाम पर तालाब में कोई कार्य नहीं हुआ है ना ही सौंदर्यीकरण का कोई कार्य हुआ है तालाब के अंदर झाल झंखाड भरे पड़े हैं यहां तक की तालाब में पानी तक नहीं दिखाई देता इस तरह से सरकार के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है शासन प्रशासन से कोई भी इसकी शुध लेने वाला नहीं है।