कुम्हारों को उम्मीद इस दिवाली मिट्टी के दीयों से रोशन होंगे घर-आँगन, बढ़ेगा स्वरोजगार ।
राकेश श्रीवास्तव ब्यूरो प्रमुख अंबेडकर नगर।
अंबेडकरनगर : दीपावली को अब कुछ ही दिन रह गए हैं। इसी के साथ ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। गाँवों में मिट्टी का बर्तन बनाने वाले कुम्हार दिन-रात काम कर रहे हैं। कुम्हारों को उम्मीद है कि दीपावली पर इस बार लोगों के घर आँगन मिट्टी के दीये से रोशन होंगे और उनके कारोबार को दोबारा दुर्दिन नहीं देखने पड़ेंगे।चाक की तेजी का असर ये है कि बाजार में भी मिट्टी के दीये बिकने के लिए पहुंच गए हैं और लोगों ने अभी से दीयों की खरीदारी भी शुरू कर दी है।मगर पिछले दो वर्षों से लोगों की सोच में खासा बदलाव आया और एक बार फिर गाँव की लुप्त होती इस कुम्हारी कला के पटरी पर लौटने के संकेत मिलने लगे हैं। कुम्हारी कला से निर्मित खिलौने, दियाली, सुराही व अन्य मिट्टी के बर्तनों की माँग बढ़ी तो कुम्हारों के चेहरे खिल गए। डिप्टी कमिश्नर शमसुद्दीन सिद्दीकी द्वारा कहा गया शासन की तरफ से विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू की गई है जिसमें कुम्हार ट्रेड में आवेदन के पश्चात उन्हें सामान उपलब्ध कराया जाता है जिससे वह अपना रोजगार सुचारू ढंग से संचालित कर सके और स्वरोजगार को बढ़ावा मिले हमारी जनपद वासियों से यह अपील है स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए दीपावली में अधिक से अधिक मिट्टी से निर्मित सामानों का प्रयोग करें जिससे कुंभकारों का मनोबल बढ़े और अधिका _ अधिक संख्या में क्षेत्र में स्वरोजगार विकसित हो।